कोरबा शहर कोरबा जिले का जिला मुख्यालय है। कोरबा सन् 1973 तक ग्राम पंचायत था जो कि कटघोरा तहसील के अंतर्गत आता था जिसका जिला बिलासपुर था। कोरबा में कोयला एवं पानी की पर्याप्त आपूर्ति की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु संसाधनों की प्रचुरता के कारण सन् 1973 में इसे विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाया गया। इसकी परिसीमा में कोरबा नगर के अलावा आस-पास के 73 गावों को शामिल किया गया।
सन् 1998 में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का विघटन हुआ तथा नगर पालिक निगम का गठन किया गया। नगर पालिक निगम की परिसीमा का पुनः निर्धारण किया गया। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के समय 74 ग्रामों के क्षेत्राधिकार को कम करते हुए 56 ग्रामों को नगर पालिक निगम कोरबा की परिधि में रखा गया। नगर पालिक निगम कोरबा का क्षेत्रफल 215.02 वर्ग किलो मीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से कोरबा नगर पालिक निगम छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे बड़ा है।
सन् 2000 में कोरबा को जिला का दर्जा दिया गया। वर्तमान में जनसंख्या के अंतिम आंकड़ो के अनुसार कोरबा जिले की जनसंख्या 12,06,563 है तथा कोरबा नगर निगम की जनसंख्या 365,073 है।
कोरबा शहर विकास योजना का मुख्य उद्देश्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक ऐसी दीर्घकालीन अभिकल्पना तथा रणनीति तैयार करना है जो कि शहर को व्यवस्थित, सुविकसित प्रतिस्पर्धा, सुंदर एवं माडल के रूप में विकसित करेगा। शहर विकास योजना के नतीजन क्षेत्रवार निवेशों तथा शहर के रूपांतर हेतु सुधार हेतु क्षेत्रों को चिन्हांकित किया जा सकेगा।
कोरबा नगर हसदेव एवं अहिरन नदियों के संगम के रमणीय स्थान पर स्थित है। यह 22 डि.-20 अंश उत्तरी अक्षांश एवं 82डि.-42 अंश पूर्वी देशांतर पर रेखा पर स्थित है। इसकी समुद्र सतह से ऊंचाई 304.8 मीटर है। यह नगर हावड़ा नागपुर बंबई दक्षिण पूर्व प्रमुख रेल मार्ग पर स्थित चांपा जॅक्शन से रेल एवं सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है। इस नगर से कोल इंडिया लिमिटेड को कलकत्ता मुख्यालय 666 कि.मी. की दूरी पर तथा दक्षिण पूर्वी कोयला प्रक्षेत्र का मुख्यालय बिलासपुर 120 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
यह नगर संभागीय एवं जिला मुख्यालय से चांपा मार्ग से एवं रतनपुर पाली कटघोरा सड़क मार्गाें से पूरे साल सुविधाजनक रूप से जुड़ा रहता है। कोरबा से हवाई संयोजक हेतु हवाई पट्टी उपलब्ध है, नियमित हवाई उड़ान से कोरबा को नही जोड़ा गया है।